Prabhupad

अध: पतन क्यों होता है?

प्रभुपाद श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर

Granth upadeshamrithindi

मैं भगवान का दर्शन प्राप्त कर लूँगा, यह दुर्बुद्धि, दम्भ, मापाबुद्धि अथवा भोगबुद्धि है । श्रीविग्रह मुझे देख रहें हैं, यही श्रीविग्रह- दर्शन है । इसीलिये कान देकर ठाकुरजी का दर्शन करना होता है । दैन्यार्त्ति लेकर, ठाकुरजी की कृपादृष्टि प्राप्ति के लिये ठाकुरजी के सुख के लिये ठाकुरजी के निकट जाना होता है, तभी मंगल होगा।

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Prabhupad

हम कर्त्ता क्यों बन जाते हैं?

प्रभुपाद श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर

Granth upadeshamrithindi

यह दुर्भाग्य का परिचय है। जीव तो ईश्वर नहीं है, जो वह कर्त्ता होगा? कर्त्ता एकमात्र श्रीकृष्ण हैं । हम सभी उन श्रीकृष्ण के नित्य सेवक हैं । किन्तु हम यह बात भूलकर गृह के कर्त्ता, मोहल्ले के स्वामी, ग्राम के नेता, देश के प्रभु अथवा जगत के ईश्वर होना चाहते हैं, ऐसा हमारा दुर्दैव है ।

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Prabhupad

संसार में किस प्रकार रहना होगा?

प्रभुपाद श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर

Granth upadeshamrithindi

जिस प्रकार एक व्यक्ति को बाँधकर दण्ड देने पर, उसे बाध्य होकर स्वीकार करना पड़ता है, किन्तु दण्ड स्वीकार करना उसकी इच्छा नहीं है, उसी प्रकार इस संसार का गहर्ण करते हुए इसे ग्रहण करना होगा, अन्यथा विपद और दुःख अनिवार्य हैं।

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